तल्खियों की बदजुबानी
में भी होती है कहानी
दिल का बह जाता ज़हर सब
बचता है मीठा सा पानी
गम की हर एक धूप ढल जाती है
कितनी भी चटख हो
सुख के बादल जब बरसते है
ज़मीं हो जाती धानी
जिंदगी को मुस्कुरा कर
देख लो बस एक नज़र भर
सबकी एक जैसी ही है
तेरी हो या मेरी कहानी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
जिंदगी को मुस्कुरा कर
ReplyDeleteदेख लो बस एक नज़र भर
सबकी एक जैसी ही है
तेरी हो या मेरी कहानी
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति दिल से निकला वाह वाह ...
एक सुझाव वर्ड वरिफिकेसन हटा दें तो अच्छा रहेगा वैसे मर्जी है आपकी ....
ReplyDeleteSunil ji ..ye bhi bata dijiyer kaise hataun word verification???
ReplyDeleteगम की हर एक धूप ढल जाती है
ReplyDeleteकितनी भी चटख हो
सुख के बादल जब बरसते है
ज़मीं हो जाती धानी
सुंदर...... सकारात्मक सोच लिए पंक्तियाँ
Dashboard > Settings> Comments > isme neeche jaye wahan ek option Show word verification for comments milega..... 'No' Select karen... :)
ReplyDeletebehatreen likha hai aapne...
ReplyDeletehumara bhi hausla badhaaye:
http://teri-galatfahmi.blogspot.com/
सही कहा है आपने -
ReplyDelete"सबकी एक जैसी ही है
तेरी हो या मेरी कहानी"...
ReplyDelete♥
आदरणीया रंजना जी
सस्नेहाभिवादन !
सुंदर चित्रों के साथ आपके सुंदर भावों का मिश्रण मन को भाता है-
गम की हर एक धूप ढल जाती है
कितनी भी चटख हो
सुख के बादल जब बरसते है
ज़मीं हो जाती धानी
वाऽऽह्… ! बहुत ख़ूबसूरत !
…लेकिन बहुत समय से आपने नई रचना क्यों नहीं लगाई ?
मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार